Personality development hindi article about conquering self-doubt,आत्म-संदेह पर विजय पाने के 10 बेहतरीन तरीके | HOW TO CONQUER SELF-DOUBT!
अपनी योग्यता या अपने आप पर विश्वास न करना बड़ी ही आम बात है । समय समय पर हम सब ऐसे वक्त से गुजरते हैं जब हम अपनी क्षमताओं पर शक करने लगते हैं- हालात तब ज्यादा बिगड़ने लगते हैं जब हम इसे एक बुरी आदत के रूप में ढाल देते हैं या फिर इसका जूनून हमारे सर चढ़ जाता है ।
जब आत्मविश्वास की कमी हमारे जीवन,या हमसे जुड़े लोगों पर, हमारे किसी लक्ष्य पर या फिर हमारी योजनाओं पर हावी होने लगती है, तब हम एक ऐसा जीवन जीने पर मजबूर हो जाते हैं जो विश्वास पर नहीं बल्कि डर पर आधारित हो जाती है ।
इस डर से छुटकारा पाने के लिए हम आपको १० नसीहतों से अवगत कराने जा रहे हैं जो आत्म विश्वास की कमी को आपके जीवन में हावी होने से पहले ही समाप्त कर देगी और आपको एक खुशहाल और आत्मविश्वासपूर्ण जीवन जीने में मदद करेगी 1) जब भी आप अत्म्संदेह में हो - आप जो भी कर रहे हो उसे तुरंत बंद कर दें और अपनी भावनाओं को सामान्य होने दें, और कोई भी निर्णय लेने से पहले ठीक से सोच- विचार लें । अब इस आत्म-संदेह को तोड़ना शुरू करें, इससे पहले की आत्म-संदेह फिर से आपके ऊपर हावी होने लगे,तुरंत अपने आप से इन शब्दों को जोर से दोहराएँ "मैं फिर से अपने आप पर शक कर रहा हूँ "। जैसे ही आप मानते हैं की शक आपके ऊपर हावी हो रहा है, आप उसके प्रति सजग हो जाते हैं और इससे पहले की शक आपको पूरी तरह निराश कर दे आप इसके प्रति कुछ कदम उठाने को तत्पर हो जाते हैं
2) जब भी आप अत्म्संदेह में हो-पैटर्न्स पर ध्यान दे । ऐसा क्या है जो आपके मन में फिर से संदेह पैदा कर रहा है ? क्या ये डर है ? असुरक्षा की भावना? या फिर अनिश्चितता एवं अस्थिरता? इस बात पर ध्यान देना शुरू करें की ऐसे "दैत्य" आपको कब कब आगे बढ़ने से रोकते हैं। गहरी साँस लें और इसपर कार्रवाई शुरू करें - बेशक आपको ऐसा करने में थोडा साहस जुटाना पड़ेगा लेकिन ये मुश्किल बिलकुल भी नहीं है।
3) जब आत्म-संदेह आपके अन्दर घर करने लगे-तो अपने आप को याद दिलाएं की आप किसी कार्य को क्यूँ करने जा रहे थे। आत्म-विश्वास की कमी आपके साहस , ध्यान, उत्साह और आत्म सम्मान को तुरंत धराशायी कर सकता है . अपने संदेह को साहस और दृढ संकल्प में परिवर्तित करें और अपने आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें । और फिर आगे बढ़ें और उस कार्य को करें जिसे करने में आपको डर लग रहा था।
4) जब भी संदेह हो तो अपने अन्दर की आवाज़ सुने। हमारी दुविधाएं काल्पनिक डर हो सकते हैं जो हमारी योग्यता और निर्णय लेने की क्षमता को अपंग कर सकती हैं। ये डर आपको पेंडुलम की तरह आगे-पीछे करती रहती है। लेकिन असलियत में आप एक ही जगह खड़े रहते हैं- कभी कभी घंटों, कभी दिनों तक और कभी कभी तो वर्षों तक। अपने अंतरात्मा की आवाज़ सुने और जब भी आपको लगे की आप सही हैं, तो फिर आगे बढ़ाते जाएँ और अपनी दुविधाओं पर ध्यान न दें। आपकी अंतरात्मा की आवाज़ दिव्य होती है -इस उपहार का सही इस्तेमाल करें।
[ads-post] 5) जब भी आप किसी काम को करने से पहले ही दुविधा में घिर जाते हैं, तो आप उस काम को कहीं ज्यादा मुश्किल बना देते हैं। कुछ भी उतना कठिन नहीं होता जितना वो प्रतीत होगा है।संदेह से अपने आप को अलग करें और अपनी आजादी को फिर से पायें। संदेह को अपने ऊपर हावी ना होने दें। हौसला बढ़ने वाले गानों को सुने और अपने आप को अपनी ताकत का अहसास कराएँ, अपने किसी दोस्त या फिर अपने किसी चाहने वाले से बात करें जो आपको आपकी शक्ति का अहसास करा सके। 6 ) उत्क्रिस्टता को हासिल करना सीधे सीधे अपने आप पर शक करना है। जब आप सर्वोत्कृष्टता की और देखते हैं तो आप कोई आखिरी निर्णय लेने में हिचकिचाते हैं। और परिस्थितियों के बारे में कुछ ज्यादा ही सोचने लगते हैं, और अंतिम निर्णय लेने से बचने लगते हैं। ठीक इसी तरह जब आप अपने आप पर शक करते हैं तो आप पीछे को और मुड़ने लगते हैं और अपनी कमजोरियों की और ध्यान देना शुरू कर देते हैं और उन्हें परिपूर्ण करने की कोशिश करने लगते हैं। और यही सिलसिला लम्बे समय तक जरी रहता है। इसलिए अपने आप को याद दिलाईये की इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति सर्वश्रेष्ट नहीं है। दुनिया में सर्वोत्कृष्टता जैसा कुछ भी नहीं है क्यूंकि परिवर्तन ही संसार का नीयम है। 7) "काश मैं ऐसा कर पाता " को "मैं कर सकता हूँ" में बदलें। "काश मैं ऐसा कर पाता" जैसे वाक्यों में आत्मविश्वास और भरोसे की कमी होती है। हमेशा "मैं कर सकता हूँ" जैसे वाक्यों का इस्तेमाल करें - इसे लिखें , बार बार बोलें और अपने आपको को याद दिलाएं की कोई भी काम मुशकिल नहीं है और आप हर कम को करने में सक्षम हैं। इसलिए अपनी इच्छाओं और सपनो को थोडा विश्वास दें।
8) कभी भी अपने संदेह से हताश न हों -अपने अन्दर बैठे इस बुराई को आपके लिए रूकावट न बनने दें। संदेह आपके मन में बैठी वो आवाजें हैं जो आपके दिमाग में घर बनाने का हमेशा प्रयास करती रहती हैं, जैसे ही आप उनका स्वागत करने लगते हैं शंकाएं अपना जड़ और मजबूत कर लेती हैं।
9) अपने संदेह को भरोसे से बदलें - क्योंकि यकीन से सब कुछ संभव है। किसी भी काम को करने से न डरें , क्यूंकि सबसे बुरा क्या हो सकता है ? आप असफल हो जायेंगे लेकिन फिर भी आप कुछ न कुछ नया सीखेंगे। कुछ प्रयास करके असफल होना बेहतर है। जीवन में प्रगति करने के लिए आपको थोडा जोखिम उठाने सीखने होगा, कुछ निर्णय करने होंगे और अपने आप पर भरोसा रखना होगा। इसलिए अपने आप पर भरोसा रखें।
10) अपने शक पर शक करें - अगर आप शक के बादलों से घिरे हुए हैं तो अपने आप में नकारात्मक विचारों को भरने के बदले अपनी दुविधाओं पर ही शक करना शुरू करें और जोर से अपने आप से कहें "मैं संदेह को अपने मन में नहीं आने दूंगा , मैं जनता हूँ मैं क्या कर रहा हूँ और मुझे किसी दुविधा की जरुरत नहीं है , मैं अपने आप में विश्वास रखता हूँ। ". दुविधाएं हमेशा सही नहीं होती वे सिर्फ आपके अन्दर बैठे डर और कमजोरी का एक रूप होती हैं। इसलिए दुविधाओं को नकारिये और उनसे मुक्त हो जाईये। Author BioV.S. Atbay is an Advice Columnist, A Passionate Writer and the Author of Epiphany- A Collection of Poems.She is a dynamic woman and her aim is to motivate, inspire and focus on the beautiful aspects of life. Click here to explore her poems, articles on Love, Friendship, Career Choices and more!! P.S. अगर आप भी अपनी रचनाएँ(In Hindi), कहानियाँ (Hindi Stories), प्रेरक लेख(Self-Development articles in Hindi) या कवितायेँ लाखों लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं तो हमसे nisheeth@hindisahityadarpan[dot]in पर संपर्क करें !! |
I have got a lot confidence by this articles. thank you .
जवाब देंहटाएंHi Rahul, we are glad that the article helped you in gaining the confidence. Keep visiting for life changing experiences..
हटाएंexcellent post..
जवाब देंहटाएंthis post have lots of positive energy..
http://prathamprayaas.blogspot.in/