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(21 जून 2016 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत श्रृंखला)
आज
योग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई विकसित देशों में अपनाया जा रहा है।
आज की तेज रफ्तार जि़न्दगी में खुद को स्वस्थ और उर्जावान बनाए
रखना बेहद आवश्यक है। इस तथ्य को लोग अच्छी तरह समझने लगे हैं यही कारण है कि
व्यायाम और योग के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है।
योग
हर किसी की जरूरत है। आप कामकाज़ी हों या फिर विद्यार्थी, उद्यमी हों या फिर खिलाडी, कुछ देर योग करके अत्यधिक
काम या फिर पढाई के दबाव के बावजूद भी खुद को तरोताजा महसूस कर सकते हैं।
योग
करने से हर तबके के लोगों को लाभ होता है, विशेष कर ये आपके स्मरण शक्ति को
बढ़ा सकता है और इसके साथ ही न केवल आप अपनी रचनात्मक्ता बढ़ा सकते हैं बल्कि उत्पादन
क्षमता तथा तनाव को भी दूर कर सकते हैं। योग
आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति में सुधार लाने में भी योग महत्वपूर्ण भूमिका
निभा सकता है।
योग से
न केवल शारीरिक एवं मानसिक दृष्टि से व्यक्ति मज़बूत होता है, बल्कि
दूसरों को समझने में भी इससे लाभ मिलता है। योग
प्राचीन विज्ञान है। इससे होने वाले लाभ में एक और बात महत्वपूर्ण है कि कुछ
समय भर के लिए योग करने वाले को दिन भर ऊर्जा मिलती रहती है और कुछ देर का योग
ऊर्जा का भंडारण कर सकता है।
आईये
जानते हैं योग के कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में:
मानसिक
लाभ:
योगासनों से शरीर पर होने
वाले लाभ तो समझ में आते हैं,
लेकिन कई ऐसे हाभ हैं, जो
शरीर और मन दोनों के विकारों को दूर करते हैं। मन, शरीर और श्वास में संतुलन
न बना पाने की समस्या भी इससे दूर की जा सकती है। मन को एक तरह की शांति मिलती है।
शोधार्थियों का मानना है कि योग दिमाग को आक्सिजन के प्रवाह में सुधार लाता है।
इससे तनाव दूर होता है। उपयुक्त समय तक योग करने से मानसिक तथा आत्मीय संतोष मिलता
है। तन-मन स्वस्थ रहते हैं और स्वच्छ माहौल में जीवन को देखने की एक नयी दृष्टि
मिलती है।
कई कामकाज़ी व् विद्यार्थी
अपने स्वास्थ्य की ओर अधिक ध्यान देते हैं, लेकिन उनका ध्यान केवल
शरीर पर होता है, मानसिक संतोष को बनाये रखने पर वे अधिक ध्यान
नहीं दे पाते। दुर्भाग्य से व्यवसाय, ऑफिस के काम में या फिर पढाई लिखाई के दौरान आने
वाली कठिनाइयों के कारण भी तनाव को झेलना पड़ता है और तनाव जीवन का एक हिस्सा बनकर
रह जाता है। ऐसे में यदि तनाव दूर करने पर ध्यान नहीं दिया जाता तो समस्या और आपकी
कठिनाईयाँ और भी गहरी होती जाती है। इस तरह की समस्याओं का समाधान तलाशने में भी
योग की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
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तनाव
से मुक्ति:
तनाव
आज के जीवन का अभिन्न अंग सा हो गया है, आफिस में आगे बढ़ने के लिए , या फिर व्यवसाय
का कारोबार को आगे बढ़ने के लिए या फिर किसी अच्छे यूनिवर्सिटी या कॉलेज में दाखिला
लेने के लिए हम दिन रात मेहनत करते हैं, और इसका प्रभाव देर सवेर हमारे शरीर पर
पड़ता ही है, अधिक मेहनत करने से हमारे शरीर का टेम्परेचर बढ़ता है और उसका प्रभाव
मानसिक थकान होता है ।
धीरे धीरे यही थकान न
केवल शारीरिक बल्कि मानसिक दृष्टि से भी घातक हो जाता है। इसकी वजह से हमारे शरीर
में अंजाने में कई विषाणु द्रव पैदा होते रहते हैं। वह शरीर के अंगों को नुकसान
पहुँचाते रहते हैं। शोध से पता चला है कि एक ट्रैफिक जाम में फंसे सभी लोगों में
लगभग एक ही तरह का तनाव बना रहता है। काम पर जाने के लिए देर हो रही है, इसलिए
उनके मन पर गैर ज़रूरी तनाव उत्पन्न होता है और वे उसको बर्दाश्त करते रहते हैं।
अफ्रीका में जिराफ और ज़ेब्रा जैसे प्राणियों को ऐसा महसूस होता रहता है कि
सिंह उनका पीछा कर कर रहा है।
शोध से ये भी साबित हुआ
है कि किसी भी तरह के तानव से जूझ रहे व्यक्तियों ने जब योग का आश्रय लिया तो
उन्हें तुरंत ही लाभ हुआ, और कुछ समय तक इसे करते रहने से न ही सिर्फ उनका शारीरिक
तनाव दूर हुआ बल्कि मानसिक तनाव भी दूर होता गया ।
योग और ध्यान धीरे-धीरे
प्रभावी रूप से तनाव दूर करने के साधन बनते जा रहे हैं। यह सब इसलिए महसूस होता है, क्योंकि
योग शरीर से विषाणुओं को बाहर निकालने में मदद करता है।
न्यूरोलोजिकल
लाभ (स्नायु तंत्रिका लाभ)
जब भी हम योग करते रहते
हैं तो सही तरीके से योग करने के लिए शरीर और स्नायू तंत्रिका के बीच एक संतुलन
बनाए रखना अनिवार्य होता है। इसके चलते एक नयी ऊर्जा योग करने वाले को मिलती है।
स्नायू में विभिन्न कारणों से एकत्रित हुआ तनाव योग के द्वारा बाहर निकलता है और
रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती रहती है। इससे स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती है।
रचनात्मकता
और सहज ज्ञान का लाभ
योग में विषय और वस्तुओं
को समझने की शक्ति में वृद्धि करने का सामर्थ्य है। कब क्या करें, किस समय क्या
निर्णय लें और विकत परिस्थितियों को कैसे हैंडल करें , इसका
अचूक निर्णय योग के माध्यम से लिया जा सकता है। इस तरह की प्रवृत्ति से व्यक्ति को
कई तरह के लाभ होते हैं।
आज के प्रतिस्पर्धात्क
युग में हमें हर दिन अपने काम में, पढाई में अथवा व्यवसाय में उन्नत एवं अपडेट
रहना पड़ता है। यह तो सर्वविदित है कि शरीर यदि स्वस्थ रहता है तो मन भी स्वस्थ
रहता है। इसी तरह यदि मानसिक स्थिति ठीक है तो हम अपनी योजनाओं एवं संकल्पनाओं को
पूरा करने पर अधिक ध्यान दे सकते हैं। इसी लिए हमें योग को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना
पड़ेगा और योग के जरिये ही हम निरंतर आनंद, प्रसन्नता
एवं शांति प्राप्त कर सकते हैं।
Main jab bhi padhne k liye baithta hu to neend aane lagti hai.
जवाब देंहटाएंTo books ko apna bhoj nahi friend banao.
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