स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी ये बातें आपको जरूर पता होनी चाहिए
भारत में 72वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। सात दशक पहले इसी दिन 15 अगस्त 1947 को हमें सदियों की गुलामी से आजादी मिली थी।भारतीय इतिहास का यह सबसे महत्वपूर्ण दिवस है। भारत वास्तव में एक धर्मनिरपेक्ष और विविधता वाला देश है, जिसमें विभिन्न धर्मों, भाषाओं, जाति और पंथ के लोग एक साथ सद्भाव में रहते हैं। हम सब ने क्रांतिकारिओं और स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा सुनी है, जिन्होंने देश की आजादी कि लिए अपनी कुर्बानी दे दी।
ये तो हम सब जानते हैं कि देश १५ अगस्त १९४७ को आज़ाद हो गया था लेकिन हम स्वतंत्रता दिवस के बारे में कुछ ऐसे फैक्ट्स लेकर आए हैं, जिनके बारे में आप संभवत: नहीं जानते होंगे। आईये जानते हैं कुछ ऐसी ही आश्चर्यजनक और दिलचस्प बातें:
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी वर्ष 1600 में भारत आई. दरअसल, ईस्ट इंडिया कंपनी तब यहां कारोबार करने के लिए आई थी. चाय, कॉटन और सिल्क का कारोबार करते-करते उसने पूरे भारत पर कब्जा कर लिया।
- ’15 अगस्त’ के दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का फैसला अंतिम वाइसराय और भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन ने लिया था. क्योंकि साल 1945 में उसी दिन जापान ने द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में सहयोगी बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
- भारत के स्वाधीनता आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था। लेकिन जब देश को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली, तो वे इसके जश्न में शामिल नहीं हुए थे। महात्मा गांधी उस दिन दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में थे, जहां वे हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।
- जब तय हो गया कि भारत 15 अगस्त को आजाद होगा, तो जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महात्मा गांधी को एक पत्र भेजा। इस पत्र में लिखा था, '15 अगस्त हमारा पहला स्वाधीनता दिवस होगा। आप राष्ट्रपिता हैं, इसमें शामिल हो अपना आशीर्वाद दें।' गांधीजी ने इस पत्र का जवाब भिजवाया, 'जब कलकत्ता में हिंदु-मुस्लिम एक दूसरे की जान ले रहे हैं, ऐसे में मैं जश्न मनाने के लिए कैसे आ सकता हूं। मैं दंगा रोकने के लिए अपनी जान दे दूंगा।'
- 15 अगस्त के दिन सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य 5 देशों में भी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसमें बहरीन, उत्तरी कोरिया, दक्षिण कोरिया, लिकटेंस्टीन और कांगो गणराज्य में भी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद महात्मा गांधी ने इंडियन नेशनल कांग्रेस को खत्म करने की योजना बनाई थी. अपनी मौत से एक दिन पहले महात्मा गांधी ने एक ड्राफ्ट में लिखा था कि INC को जिस मकसद के लिए बनाया गया था, वह हासिल कर लिया गया है. इसलिए अब उसे खत्म कर देना चाहिए।
- हम सभी जानते हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे. लेकिन वह जनता की पहली पसंद नहीं थे. दरअसल, सरदार वल्लभभाई पटेल को नेहरू से ज्यादा वोट मिले थे. लेकिन नेहरू की इच्छा को देखते हुए महात्मा गांधी ने वल्लभाई पटेल से अनुरोध किया था कि वह पीछे हट जाएं और इस तरह नेहरू को आजाद देश का पहला प्रधानमंत्री बना दिया गया।
- जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टनी' 14 अगस्त की मध्यरात्रि को वायसराय लॉज (मौजूदा राष्ट्रपति भवन) से दिया गया था। तब नेहरू प्रधानमंत्री नहीं बने थे। इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना, लेकिन गांधी उस दिन नौ बजे सोने चले गए थे।
- प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू को दुनियाभर में स्टाइल आइकन के रूप में देखा जाता था. उनका नेहरू जैकेट इतना प्रसिद्ध हुआ कि उन्हें Vogue मैगजीन के कवर पर जगह मिली थी।
- स्वतंत्रता के दौरान भारत के पास कोई राष्ट्रगान नहीं था. रविंद्रनाथ टैगोर ने जन गण मन को साल 1911 में लिखा था और उसे अधिकारिक तौर पर साल 1950 में अपनाया गया।
- सभी महिलाओं की ओर से स्वतंत्र भारत की संसद का प्रतिनिधित्व हंसा मेहता ने किया था।
- साल 1947 में भारतीय 1 रुपया = $ 1 (डॉलर) के बराबर था. वर्तमान में 70 रुपये = $ 1 (डॉलर) हो गया है।
- कानूनी रूप से तिरंगा झंडा सिर्फ खादी के कपड़े में ही बनाया जाना चाहिए. खादी डेवेलपमेंट एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन के पास भारत का राष्ट्रीय झंडा बनाने का अधिकार है. यदि कोई दूसरे कपड़े में बना झंडा लहराता है तो उसे कानूनी रूप से तीन साल की सजा हो सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है।
- 15 अगस्त, 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने अपने कार्यालय में काम किया। दोपहर में नेहरू ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल की सूची सौंपी और बाद में इंडिया गेट के पास प्रिसेंज गार्डन में एक सभा को संबोधित किया।
- हर स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं, लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था। लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था।
- भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के प्रेस सचिव कैंपबेल जॉनसन के अनुसार मित्र देश की सेनाओं के सामने जापान के आत्म समर्पण की दूसरी वर्षगांठ 15 अगस्त को पड़ रही थी, इस कारण इसी दिन भारत को आजाद करने का फैसला किया गया था।
- 15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ था। इसका फैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ जोकि भारत और पाकिस्तान की सीमाअओं को निर्धारित करती थी।
स्वंत्रता दिवस के बारे में आपने बहुत अच्छी जानकारी दी हैं , मुझे आपके द्वारा साझा की गई जानकारी बहुत बढ़िया लगा हैं , साझा करने के लिए तहे दिल से सुक्रिया !
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