Jeet aur har aapke soch par nirbhar karti hai, man lo to har aur than lo to jeet hogi, जीत और हार सिर्फ आपकी सोच पर निर्भर करती है मान लो तो हार होगी
जीवन में ऐसा क्यों होता है कि कठिन परिस्थितियों में कुछ लोग पूरी तरह से टूट जाते हैं, बिखर जाते हैं, जबकि उन्ही परिस्थितियों का कुछ लोग न सिर्फ दृढ़ता से सामना करते हैं, बल्कि विपरीत परिस्थितियों में वो और भी ज्यादा निखर जाते हैं।
दुनिया में ऐसा कोई भी नहीं जिसके जीवन में विपरीत परिस्थितियां नहीं आती है, परंतु कुछ लोग बुरी से बुरी परिस्थिति से सफलतापूर्वक लड़के कठिन से कठिन परिस्थिति से बाहर आ जाने की क्षमता रखते हैं।
यदि आप भी अपनी मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक क्षमताओं को कुछ इसी तरह से विकसित करना चाहते हैं तो आगे दिए जा रहे सुझावों पर अमल कर सकते हैं।
कुछ लोग जीवन में आगे बढ़ते ही जाते है उनके अंदर ऐसा क्या खास होता है जो उनको हमेशा आगे बढ़ने के लिए encourage करता है वो होता है '' हौसला ''
जब तक हौसला और उम्मीद जीवन में होती है तब तक इंसान को कोई भी नहीं हरा सकता है।
किसी भी काम की शुरुआत से पहले mentally prepared रहे।
जीवन में घट रही घटनाओं पर नियंत्रण की ताकत ही शक्ति है, जबकि ऐसी शक्ति के अभाव और लाचारी की स्थिति को कमजोरी कहते हैं। आप चाहे किसी भी परिस्थिति में हों, कुछ बातें ऐसी होती है जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं। हाँ, कुछ बातें अवश्य होती हैं जो आपके नियंत्रण के बाहर होती हैं। वो बातें, जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं, उन पर ध्यान देना मानसिक शक्ति के विकास की दिशा में उठा पहला कदम है।
खुद को कमजोर न समझे : जब भी हमारे साथ कुछ बुरा होता है या किसी काम में हम fail हो जाते है तो ऐसे में हम मन ही मन परेशान रहने लगते है और अपने आपको कमजोर समझने लगते है। ऐसे समय में अकेलापन ही हमको अच्छा लगने लगता है।
तो कहने का मतलब है कि ज्यादा सोच विचार करके हम खुद को अंदर ही अंदर तोड़ते रहते है। बल्कि इसके पीछे सिर्फ हमारी मन की भावना ही होती है। जैसा हम सोचेंगे हम वैसे ही बन जायेंगे।
हर समय खुश रहे : एक दुःखी इंसान और एक खुश मिजाज व्यक्ति की Mentality में काफी ज्यादा फर्क होता है।इसलिए कोशिश करे कि आप हमेशा खुश रहे क्यूंकि खुश रहने से हमारा मानसिक स्तर मजबूत होता है और Positive thinking बनी रहती है।
आत्मनिर्भर बने: एक आत्मनिर्भर व्यक्ति कभी भी किसी के भरोसे बैठा नहीं रहता है। ऐसे इंसान की thinking भी strong होती है क्यूंकि ऐसे व्यक्ति सोच विचार करके निर्णय भी खुद ही लेते है और फिर उसका executionभी स्वयं ही करते है।
ऐसा वो इसलिए कर पाते है क्यूंकि वो खुद से ही अपना एक discipline बनाते है फिर हमेशा उसी का पालन करते हुए काम करते है। इसलिए मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए जीवन में आत्मनिर्भरता भी बहुत जरुरी है।
कठिन परिस्थितियों से लड़ लेने की क्षमता रखने वाले लोगों पर किये गए अध्यन से स्पष्ट हुआ है कि धैर्यवान और जुझारू लोग हर परिस्थिति में सकारात्मक बने रहते हैं।
हर स्थिति में उन बातों पर ध्यान देते हैं, जिन्हें वो नियंत्रित कर सकते हैं। चाहे उनकी परेशानी किसी और की दी हुई क्यों ना हो, वो उस परेशानी से बाहर आने को अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। वहीँ, वैसे लोग जो थोड़ी सी परेशानी में ही बिखर जाते है, उनके लिए पाया गया है कि वो जिम्मेदारी से भागते हैं, समस्या से निकालने वाले क़दमों को नजरअंदाज करते हैं।
ऐसे लोगों को यह लगता है कि उनकी बुरी स्थिति के लिए वो खुद तो जिम्मेदार हैं नहीं, फिर वो कैसे इस पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं।
खुद के ऊपर focus करे।
एक बार जब आप समझ जाते हैं कि, वास्तव में क्या सोचना है तब हमें यह तय करना होगा कि इस पर कैसे फोकस किया जाए।
जब एक बार हमको किसी भी एक काम के ऊपर फोकस करना आ जाता है तो हम धीरे -धीरे उन चीज़ो पर भी फोकस करने लग जाते है जिन पर आज हम नहीं कर पा रहे होते है।
कभी कभी हम ऐसी परिस्थितियों में होते हैं, जिनको हम बदल नहीं सकते। हालांकि ऐसी स्थितियां बहुत कष्टप्रद होती हैं, जहाँ हमारा फोकस पूरी तरह से खत्म हो जाता है,परंतु फिर भी जिंदगी के प्रति सकारात्मक रवैया रख कर आप इस स्थिति में भी अपने आप को संभाल सकते हैं।
जो इंसान आपकी जिंदगी को दुखी बना रहा है, उसे भी आप अपने उत्साह को तोड़ने की इजाजत मत दीजिये। आश्वस्त रहिये, आशावान रहिये और हमेशा इस बात को याद रखिये कि कोई भी आपकी नियत और सोच को आपसे नहीं छीन सकता है। एक इंसान का 100% control खुद के ऊपर होता है।
3.अपने जीवन में हमेशा interest को जगा कर रखे।
भावनात्मक रूप से मजबूत व्यक्ति हर और हरेक दिन को एक तोहफा, एक सौगात समझते हैं। वो अपने समय का उपयोग इतने सकारात्मक ढ़ंग से करते हैं याद करें की बचपन में आप कितनी छोटी-छोटी बातों से रोमांचित हो जाते थे- पतझड़ के मौसम में पत्तों से खेलना, किसी जानवर की काल्पनिक तस्वीर बनाना, किसी चीज को ज्यादा खा लेना- इन छोटी-छोटी बातों में कितना आनंद आता था अपने अंदर के उस बच्चे को ढूँढिये। अपने अंदर के उस बच्चे को जीवित रखिये। आपकी मानसिक और भावनात्मक मजबूती इस पर निर्भर करती है।
जीवन में अगर आपको कुछ बड़ा करना है तो आपके अंदर जानने की इच्छा जरूर होनी चाहिए क्योकि ultimately वो ही आपको अपने goal की तरफ भगाती है।
खुद पर विश्वास रखे (believe in yourself)
खुद पर विश्वास ही सफलता का सबसे बड़ा नियम होता है। आपने इतना कुछ किया है जीवन में: आप एक बार फिर ऐसा कर सकते हैं। आज की आज सोचेंगे, कल की कल- इस सोच के साथ आप मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति से पार पा सकते हैं।
ऐसी सोच को विकसित करना आसान काम नहीं है; ऐसा कहना बहुत आसान है, करना उतना ही मुश्किल। मगर, जब आप अभ्यास करेंगे तो यह संभव हो जायेगा। जब कभी आपको ऐसा लगे कि बस अब सब कुछ खत्म होने वाला है, तो आँखें बंद करिये और एक गहरी सांस लीजिये। आप अपने प्रयास में अवश्य ही सफल होंगे, बस नीचे लिखी इन बातों का ध्यान रखिये।
अगर हमको खुद पर विश्वास होता है तो हमारे हौसले भी बुलंद होते है और हम वो काम कर सकते है जो कि हम असल में करना चाहते है।
अपनी सफलताओं को याद करिये। यह आपके आत्मविश्वास को जगायेगा, आपके सफ़र में उत्साह लाएगा। चाहे वह आपके पढाई-लिखाई की सफलता हो, चाहे किसी मशहूर व्यक्ति से की गयी आपकी बातचीत या फिर आपके बच्चे के जन्म लेने की खुशी- इन सभी अच्छे पलों को अपने आप को मजबूत बनाने के अपने प्रयासों में मददगार बनाइये। सफल होने के लिए सकारात्मक होना जरूरी है और जैसी हमारी सोच होती है, दरअसल, हमारी जिंदगी वैसी ही होती है।
भावनात्मक रूप से मजबूत बने ।
भावनायें ही तो व्यक्ति की प्रवृत्ति का निर्माण करती हैं। भावनाओं को नियंत्रित कर उन्हें सही दिशा देकर जीवन को आनंदमय बनाया जा सकता है। भावनायें जब तक आपके नियंत्रण में हैं, तब तक बहुत अच्छा है, लेकिन जब आप भावनाओं के नियंत्रण में आ जाते हैं, तो समस्या शुरू हो जाती है। अनियंत्रित भावनायें तनाव और अवसाद को जन्म दे सकती हैं। भावनाओं को काबू करके आसानी से तनाव, चिंता और अवसाद पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
यही भावनायें आपके व्यक्तिगत और व्यावहारिक जीवन में आपके कौशल को बढ़ाने का काम करती हैं। इसलिए खुद को भावनात्मक रूप से बुद्धिमान बनाएं।
जब आपकी भावनायें प्रबल होती हैं उस वक्त आपका व्यवहार कैसा होता है। जब आपकी भावनायें कमजोर होती हैं उस वक्त आप कैसा व्यवहार करते हैं। अगर आप क्रोधित हैं तो आपके चेहरे पर गुस्सा तो दिखेगा साथ ही आप ऊंची आवाज में बात करेंगे, अगर आपके चेहरे पर खुशी होगी तो वो भी दिखेगी। तो अपनी भावनाओं के हिसाब से प्रतिक्रिया देने की कोशिश कीजिए।
जब हम ऊपर दिये पहलू पर अच्छे से काम करने लग जाते है और ये हमारे अंदर पूरी तरह से उतर आते है इसलिए जीवन में "हौसला होना चाहिए, Business तो कभी भी शुरू किया जा सकता है ।
आखिर में हौसले की ताकत
मंजिल दूर दिखती है पर,
पहुँचने की कोशिश करो,
मुश्किलें बहुत होती है पर
हटाने की कोशिश करो,
हौसला कम न होने दो
उसे हासिल करने की कोशिश करो,
उम्मीद खत्म न होने दो,
हकीकत में बदलने की कोशिश करो ।
हार कर भी ना तू हार.
जब जिंदगी है तेरे साथ
कब किसने जीवन घेरा है
हर रात के बाद सवेरा है
हो अंधेरा कभी तो गम ना मनाना
एक दीपक जरा तुम भी तो जलाना
एक अकेला चिराग रोशनी ला सकता है
अंधेरी महफिल को भी जगमगा सकता है
जिंदगी में हर वक्त कामयाबी साथ नहीं होती
कोई भी हार आपके हौसले से बड़ी नहीं होती
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Beautiful post
जवाब देंहटाएंछुपे रहे वो अपने ही किरदार में
जवाब देंहटाएंहम देख कर भी अनदेखा करते रहे