5 बेस्ट टिप्स सही दिशा में action लेने के लिए, Best tips to move in right direction, Sahi disha me mudne ke liye 5 tips, 5 best tips for success
अक्सर हमारे सभी के साथ ऐसा होता है हम कभी भी जो भी निर्णय लेते है उस पर लंबे समय तक नहीं टिक पाते है, जब भी कोई रुकावट आती है बीच में ही हम उसको करना छोड़ देते है।
हो सकता है कि लोगों को अपने जीवन में कुछ सुधार करने की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे कभी भी किसी भी काम को ज्यादा गहराई के साथ नहीं करते हैं, शायद दूसरी सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे लंबे समय तक लगातार अपने काम को नहीं करते हैं।
किसी भी काम में कुछ दिन बहुत अच्छे जाते हैं। कुछ दिन वास्तव में बहुत ही बुरे जाते है। अच्छे दिन जब जाते है तो हम बहुत ही ज्यादा खुश होते है लेकिन बुरे दिनों में हम अपने काम को करना ही छोड़ देते है।
आज हम आपके साथ कुछ ऐसी बातें शेयर करने जा रहे है जिनकी मदद से आप अपने करियर में लगातार सही दिशा में एक्शन लेने में सक्षम हो सकते है।
यदि आप वही करते हैं जो
आप हमेशा से करते आये हैं
तो आपको वही मिलेगा जो हमेशा से मिलता आया है।
1. सुबह के अनुष्ठान का प्रयोग करें( नियमानुसार कोई कार्य करने की क्रिया)
यह शायद इस क्षेत्र में अब तक मिली सबसे शक्तिशाली सलाह है।
आप बस सुबह एक रूटीन सेट करें जो आप उठते ही कर सकते है जैसे कि व्यायाम करना, घूमना,खेलना, योगा, मैडिटेशन करना ऐसा कुछ भी जो आपको अंदर से करना अच्छा लगता हो।
जब आप ये करते है तो ये बहुत अच्छी तरह से काम करता है क्योंकि आप दिन में जो करते हैं उसमे आपको बहुत ज्यादा मदद मिलती है।
जब आप अपने लिए एक सुबह का रुटीन set कर देते है और वो आपकी एक आदत बन जाती है और वो आदत आपको किसी नयी आदत के लिए प्रेरित भी करती है।
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2. सही काम करें भले ही आपको यह पसंद न हो।
अगर आप जीवन के उस पड़ाव पर है जहाँ से भविष्य की नींव रखी जाती है।तो मैं आपकी कठनाई को समझ सकता हूँ।आप अगर युवा है और यह प्रश्न आपके रोजगार को लेकर है तो आप अपनी योग्यता और रुचि को ध्यान में रखकर अपना लक्ष्य निर्धारित कीजिये।
जीवन को सही दिशा, सही लक्ष्य से मिलती है।इसलिए लक्ष्य को लेकर थोड़ा सचेत होने अनिर्वाय है।कोई अन्य आपकी योग्यता को नही जानता, न ही रुचि को तो कैसे आपका लक्ष्य बन सकता है।
सबसे पहले मन को शांत करके अपने अंदर के गुणों को जानो ,कि आप ऐसा क्या है जिसे अच्छे से कर सकते हो या जिसे करने में खुशी का अनुभव करते हो,उसी के अनुरूप अपना लक्ष्य बनाओ और सफल जीवन की नींव रखो।
यदि आप चाहें तो आपकी आंतरिक आवाज और भावनाओं की अवहेलना की जा सकती है। आप वैसे भी जो करना चाहते हैं वह कर सकते हैं।
हो सकता है कि आप जो भी करना चाहते हो उसको करने में शुरुआत में आपको समस्या आ सकती है लेकिन अगर आप उसको लगातार करते रहते है तो वो आपको मदद जरूर करता है।
लोग आलसी नहीं होते।
बस उनके लक्ष्य कमजोर हैं –
यानि ऐसे लक्ष्य जो उन्हें प्रेरित नहीं करते। |
3. अपने आप को चोट मत पहुँचाओ।
जब भी कुछ भी हमारे अनुसार नहीं हो रहा होता है तो अक्सर हम अपने साथ बहुत गलत करने लग जाते है, हम ऐसे काम करने लग जाते है जो कि हमको हमारे लक्ष्य से हमें अलग कर देते है।
महसूस करें कि जब आप खुद को निराश करते हैं तो आप ऐसा नहीं सोचते और करते हैं जैसा कि आप वास्तव में गहराई से चाहते हैं कि आप अपने आत्मसम्मान को कम करके, खुद को चोट पहुंचाना चाहते हैं।
आप अपने दिन के दौरान जो कुछ भी करते हैं वह आपको संकेत देता है कि आप किस तरह के व्यक्ति हैं। हमेशा सही काम करें जैसे प्रभावी होना, दयालु होना ऐसा करने पर आपको अच्छा महसूस होता है।
जीवन में आ रही समस्याओ को एक खेल की तरह देखे, इस खेल में आपके पास अनेको मौके आने वाले है, अगर एक में सफलता नहीं मिलती है तो दूसरे में मिलेंगी, बस आपको लगातार अपने खेल को पूरी ईमानदारी के साथ खेलते रहना है।
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4. हमेशा प्रक्रिया पर ध्यान दें और जिम्मेदारी लें, न कि संभावित परिणाम पर।
जब भी मैं कसरत करता हूं तो मैं इसका इस्तेमाल करता हूं तो मैं कभी भी अपने दिमाग में परिणामों की जिम्मेदारी नहीं लेता। मैं अपना वर्कआउट करने की जिम्मेदारी लेता हूं, जिसकी वजह से मुझे बहुत अच्छे परिणाम मिलते है।
और इससे मेरे लिए यह आसान हो जाता है जब मुझे पता होता है कि मुझे बस इतना ही ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
अगर आप सिर्फ परिणाम पर ध्यान देते है तो आपको आपको सिर्फ उतना ही मिलता है जितना कि आप सोच सकते हो, लेकिन अगर आप काम पर ध्यान देते हो तो आपको वो मिलता है जिसकी आप कभी सपने में भी कल्पना नहीं कर सकते है।
5. आप जो करना पसंद करते हैं उसे ढूंढें और करें।
इंसान तो भावनाओं का चलता फिरता पुतला है। अपनी अनन्त अभिलाषाओं चाहतों के दरिया में डूबता उतराता रहता है और चेतन अवचेतन अवस्था में कई ऐसे कार्य करता है और करना चाहता है जो कभी - कभी परिवार ,समाज और समुदाय द्वारा स्वीकार्य नहीं होते हैं ,तो फिर उसे करने से , हमे जो रोकता है वो है हमारा……
" कभी दिल और कभी दिमाग "…
आप जिंदगी में क्या करना चाहते थे और आपको वो करने से कोन या क्या रोक रहा है?
जीवन में हमें क्या नहीं करना चाहिए यह बताने को बहुत लोग मिल जाते हैं, पर क्या करना चाहिए इसका जवाब बहुत कम लोगों के पास होता है। ऐसे लोग जीवन में मुश्किल से मिलते हैं और कभी-कभी तो हम ऐसे इंसान को पहचान ही नहीं पाते हैं।
हमें लगता है कि दूसरा व्यक्ति ही हमें वह सब कुछ दे सकता है जिससे हमें शांति मिल जाएगी। हमारी उम्मीद अक्सर टूट जाती है क्योंकि हम यह भूल जाते हैं कि कोई भी व्यक्ति हमें वही दे सकता है जो कि उसके खुद के पास हो।
हम जिसे दूसरे व्यक्ति में ढूंढ रहे हैं वो भी किसी तीसरे व्यक्ति में उसे तालाश कर रहा है और तीसरा व्यक्ति किसी चौथे व्यक्ति को ढूंढ रहा है इस तरह यह अंतहीन सिलसिला जारी है।
एक बात हमेशा याद रहे कि जिंदगी आपको वो नहीं देती है जिसकी आप चाह रखते हो, जिंदगी आपको वो देती है जो आप असल में पाने के हक़दार होते हो।
हम सभी को अपने अपने क्षत्रों में उसी समर्पण , उ
सी उत्साह, और उसी संकल्प के साथ काम करना होगा
जो रणभूमि में एक योद्धा को प्रेरित और उत्साहित करती है.
और यह सिर्फ बोलना नहीं है, बल्कि वास्तविकता में…
निष्कर्ष :-
एक व्यक्ति के मूल मूल्य, अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करने का आधार होना चाहिए। कुछ मूल मूल्य हैं प्रामाणिकता, कनेक्शन, अखंडता इत्यादि। जब लक्ष्यों को इस आधार पर नहीं बनाया जाता है, तो एक व्यक्ति को लक्ष्य प्राप्त करने के बावजूद सार्थकता नहीं मिलता है । वह उन चीजों के लिए काम करता है जो उसे खुशी नहीं दे सकता।
व्यवसाय, रिश्तों, शिक्षा और जीवन दृष्टि जैसे जीवन के प्रमुख क्षेत्रों को पोषित करने के लिए लक्ष्य तैयार किए जाने चाहिए। आप अवधि के आधार पर लक्ष्य को विभाजित कर सकते हैं । लक्ष्य विशिष्ट, मापन योग्य, प्राप्त करने योग्य, प्रासंगिक और समयबद्ध होना चाहिए। लक्ष्यों को लिखना बहुत महत्वपूर्ण है । यह सफल लोगों की आदतों में से एक है।
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